लॉकडाउन की साथी - किताबें


कुलदीप मेरा गाँव मेरी दुनिया के सामुदायिक पुस्तकालय से अक्सर किताबें ले जाकर पढ़ता रहता है। यह कुलदीप के दादाजी है, उन्होंने भी अब किताब लेकर पढ़ना शुरू किया है। दादाजी "मैला आँचल" पुस्तक आधी से ज्यादा पढ़ चुके है और उनको किताब बहुत ही बढ़िया लग रही है।

अगर झुटावद में कोई बुज़ुर्ग चारों वेद, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की किताबें, विनोबा भावे की मैगज़ीन या कहानियाँ या कविताये पढ़ना चाहे तो हमसे ले सकते हैं। अगर कोई बच्चे बच्चों की किताबें चाहे तो वे भी सचित्र खूब सारी मिल जाएगी।

आप पढ़िए और पढ़ कर वापिस कर दीजिए। किताबे लॉक डाउन की अच्छी साथी है।

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