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Showing posts from January, 2022

पढ़ने की ललक

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 सूरज (बदला हुआ नाम) आजमाबाद स्पर्श शिक्षा केंद्र में नियमित पढ़ने आता है वह कक्षा 5वीं में पढ़ता है. स्कूल के प्रति उसकी रूचि कम रही है ऐसा वहाँ के शिक्षक बताते हैं, किन्तु स्पर्श कक्षा में वह शुरुआत से आ रहा है. शुरूआती दिनों में कक्षा के डिज़ाइन या गतिविधियों में उसकी अरुचि साफ़ दिखाई पड़ती थी. पिछले कुछ दिनों में एक ख़ास बदलाव यह आया है कि वह समय से पहले कक्षा आ जाता है और हमारी कक्षा के सर्किल के लिए सेंटर पीस बनाता है और अंत तक उसका ध्यान रखता है।  पिछले सप्ताह टेस्ट के समय सूरज ने तय समय से पहले टेस्ट पूरा कर कक्षा के लिए चार्ट बनाने का काम किया. सूरज की कक्षा और इसके माहौल के प्रति बढ़ती रूचि को देख अपने काम में और उर्जा भरने की प्रेरणा मिलती है. सूरज की सहपाठी वाली अर्चना बताती है कि सूरज के व्यवहार में बदलाव आ रहा है और वह पहले की तुलना में अब अच्छे से सीख रहा है और जल्द ही धीरे-धीरे वह सब सीख जाएगा। आजमाबाद के स्पर्श शिक्षा केंद्र का नेतृत्व मनीषा कर रही हैं; सूरज की यह कहानी वाकई हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है. मेरा गाँव मेरी दुनिया इस तरह के बदलावों के प्रतिबद्ध है, शुभकामनाएं मनी

Team Visiting River-Side School Ahmedabad!

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  रीवर साइड स्कूल, भारत के उन स्कूलों में शामिल किया जाता है जिन्हें एक अद्धभुत और अलग स्कूल कहा जा सकता हैं। रीवर साइड की कई प्रक्रियाओं को भारत और दुनिया के विभिन्न जगह अपनाया गया हैं।  मेरा गाँव मेरा दुनिया हमेशा लगातार हर जगह से सीखने पर फोकस करता है ताकि हम लोगों की सीख से आगे बढ़ सकें।  मेरा गाँव मेरी दुनिया ने इस बार रीवर साइड स्कूल को ना केवल विजिट किया बल्कि उसके संस्थापक किरण बीर सेठी से चर्चा भी की। श्रुति और रीवर साइड की टीम ने उनकी बेस्ट प्रैक्टिस पर चर्चा की और रीवर साइड लर्निंग सेंटर के बारे में बताया। हमने 04 क्लासरूम को भी ऑब्जर्व किया और सीधे क्लासरूम में क्या क्या होता है ये समझा। शुक्रिया रीवर साइड और किरण मेम, जिन्होंने हमें अवसर दिया।

Pledge Card Signature Drive in Communities!

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We are working for the effective implementation of infrastructural provisions of RTE 2009, in rural Government Schools of Mahidpur through our Campaign #MeraSchoolSafeBhiSaafBhi in association with Youth Ki Awaaz.  Our youth leaders led this pledge signing drive in 9 villages where they got signatures of parents of a girl child to support their daughters in their education journeys! The pledge goes like this ' मैं अपनी बेटी और उसके भविष्य को सँवारने के लिए शपथ लेता हूँ कि मैं अपनी बेटी का जहाँ तक गाँव में या समीप के गाँव में स्कूल है वहाँ तक पढ़ने में सहयोग करूँगा/करूंगी!" We were able to get 420 signatures from these community signature drives.