पढ़ने की ललक
सूरज (बदला हुआ नाम) आजमाबाद स्पर्श शिक्षा केंद्र में नियमित पढ़ने आता है वह कक्षा 5वीं में पढ़ता है. स्कूल के प्रति उसकी रूचि कम रही है ऐसा वहाँ के शिक्षक बताते हैं, किन्तु स्पर्श कक्षा में वह शुरुआत से आ रहा है. शुरूआती दिनों में कक्षा के डिज़ाइन या गतिविधियों में उसकी अरुचि साफ़ दिखाई पड़ती थी. पिछले कुछ दिनों में एक ख़ास बदलाव यह आया है कि वह समय से पहले कक्षा आ जाता है और हमारी कक्षा के सर्किल के लिए सेंटर पीस बनाता है और अंत तक उसका ध्यान रखता है। पिछले सप्ताह टेस्ट के समय सूरज ने तय समय से पहले टेस्ट पूरा कर कक्षा के लिए चार्ट बनाने का काम किया. सूरज की कक्षा और इसके माहौल के प्रति बढ़ती रूचि को देख अपने काम में और उर्जा भरने की प्रेरणा मिलती है. सूरज की सहपाठी वाली अर्चना बताती है कि सूरज के व्यवहार में बदलाव आ रहा है और वह पहले की तुलना में अब अच्छे से सीख रहा है और जल्द ही धीरे-धीरे वह सब सीख जाएगा। आजमाबाद के स्पर्श शिक्षा केंद्र का नेतृत्व मनीषा कर रही हैं; सूरज की यह कहानी वाकई हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है. मेरा गाँव मेरी दुनिया इस तरह के बदलावों के प्रतिबद्ध है, शुभका...